उड़ान योजना क्या है

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भारत सरकार चाहती है कि हर व्यक्ति हवाई जहाज से सफर करें। इसके लिए उड़ान योजना चलाई है। जिसका अर्थ है उड़े देश का आम नागरिक। यह एक रिजिनल प्रोजेक्ट है। जो किफायती दर पर ग्रामीण क्षेत्र को हवाई जहाज की सेवा से जोड़ती है। रीजनल प्रोजेक्ट के तहत 200 किलोमीटर से 800 किलोमीटर की लंबाई वाले रास्ते पर यह योजना लागू होगी । साथ ही साथ क्षेत्रों को जोड़ने के लिए उत्तर पश्चिम दक्षिण पूर्व और उत्तर पूर्व के 5 क्षेत्रों में विभाजित किया गया है। जिसके माध्यम से यह निर्धारित किया जा सके कि इस दिशा में जहाज जा सके।

लेख के मुख्य बिंदु

उड़ान योजना क्या है ? (Udaan Yojana scheme)

उड़ान योजना एक सेंट्रल स्पॉन्सरशिप योजना है। जिसे उड़ान योजना कहा जाता है। इसका उद्देश्य है कि शहर  की हवाई यात्रा को आम जनता के लिए सुलभ बनाना और साथ ही साथ वैल्यू ऐडेड टैक्स पर दो परसेंट एक्साइज ड्यूटी और सर्विस टैक्स के दसवें हिस्से के साथ-साथ रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम एयरपोर्ट के लिए उधार कोड साझा करण करेगी। इतना ही नहीं यह किसी विशेष स्थान पर क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बढ़ाना है। उसके लिए क्षेत्रीय कनेक्टिविटी फंड की स्थापना भी की जाएगी ।यदि यात्री पर खर्च का भार ज्यादा बढ़ता है तो इसे धीरे-धीरे चरणबद्ध तरीके से समाप्त कम करने की कोशिश किया जाएगा सब्सिडी के माध्यम से।

उड़ान योजना का उद्देश्य क्या है? 

(1) उड़ान योजना का उद्देश्य है कि हवाई जहाज की यात्रा को आम व्यक्तियों के लिए सुलभ बनाना।

(2) उड़ान योजना का उद्देश्य यह भी है कि आने वाले समय में हर आम व्यक्ति को किफायती दर पर जिसको मध्यम वर्गीय परिवार वहन कर सकें हवाई जहाज की सुविधा देना।

(3) उड़ान योजना भारत सरकार और राज्य सरकार संयुक्त प्रयास है।

(4) इस योजना का उद्देश्य यह भी है कि बंद पड़े हवाई अड्डे को पुनर्जीवित करके देश देश के अन्य हवाई अड्डे से आपस में जोड़ना ।उड़ान योजना के तहत 410 हवाई अड्डे को सूचीबद्ध किया गया है ।जिनमें से 394 बिना किसी काम के लायक हैं और 16 अयोग्यता  के मापदंडों से गुजर रहा है।

(5) इस योजना का उद्देश्य यह भी है कि पहाड़ी, ग्रामीण संवेदनशील क्षेत्र जो 200 से 800 किलोमीटर लंबाई की दायरे में आते हैं। उन पर कोई रिस्ट्रिक्शन नहीं लगाया जाएगा।

(6) उड़ान योजना को कर देने के लिए रीजनल कनेक्टिविटी फंड की स्थापना की जाएगी। ध्यान देने योग्य बात यह है कि इस फंड को 20 परसेंट योगदान राज्य सरकार देगी और उत्तर-पूर्वी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश इस फंड में 10 परसेंट का योगदान देंगे।

उड़ान योजना किस मंत्रालय द्वारा चलाया जा रहा है?

उड़ान योजना नागरिक उड्डयन मंत्रालय के तहत चलाया जा रहा है और इसका क्रियान्वयन का जिम्मेदारी एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया का है।

उड़ान योजना के तहत आम आदमियों को कितने पैसे का वहन करना पड़ेगा यात्रा के दौरान

यदि कोई व्यक्ति 500 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाई यात्रा करता है तो उसका किराया ₹2500 लगेगा। यदि किसी दुर्लभ मार्ग पर जाना है और इसके लिए हेलीकॉप्टर को उपयोग करना है तो हेलीकॉप्टर की 30 मिनट की उड़ान की अवधि के लिए ₹2500 लगेगा।

उड़ान योजना के तहत बुनियादी ढांचा को सुदृढ़ करने के लिए आवंटित राज कितनी है?

उड़ान योजना के तहत बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करने के लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने लगभग 17500 करोड रुपए इन्वेस्टमेंट करने की योजना बनाई है।

उड़ान योजना के तहत हवाई जहाज और हेलीकॉप्टर में कितनी सीटें उपलब्ध रहेंगी

उड़ान योजना के तहत हवाई जहाज न्यूनतम 13 जीते रहेंगे और अधिकतम आवश्यकता के अनुसार और हेलीकॉप्टर में न्यूनतम 5 सीटें रहेंगी।

उड़ान योजना की विशेषताएं क्या है?

(1) उड़ान योजना की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह 10  वर्षीय प्रोजेक्ट है । यह प्रोजेक्ट नेशनल सिविल एविएशन पॉलिसी का हिस्सा है । इस परियोजना को 15 जून 2016 को लांच किया गया था।

(2) उड़ान योजना की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इस प्रोजेक्ट में वही एयर लाइन हिस्सा ले सकती हैं जो प्रतिस्पर्धा में भाग लेंगी।

(3) उड़ान योजना की एक और सबसे बड़ी विशेषता यह भी है कि जो घरेलू एयरलाइंस हैं जैसे कि गोरखपुर एयरलाइंस, इलाहाबाद एयरलाइंस को क्षेत्रीय मार्गों पर उड़ान भरने के लिए प्रोत्साहित करना।

(4) इस योजना में जो एयरलाइंस भाग लेंगे ।उनको जीएसटी में छूट दी जाएगी। उन्हें ईंधन कम दाम पर दिया जाएगा । उनके लिए हवाई अड्डे का प्रावधान किया जाएगा।  हवाई अड्डे के निर्माण में जितना लागत आती है। उस लागत के 60% भार का वाहन केंद्र सरकार करेगी और 40% का वाहन वह कंपनी करेगी।

(5) इस योजना की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि रूट नेवीगेशन और सुविधा शुल्क सामान्य एयरलाइन की तुलना में 42% कम लगाया जाएगा।

(6) भविष्य में यदि ईंधन की लागत में कमी आती है तो उड़ान की लागत में भी कमी की जाएगी।

उड़ान योजना का महत्व क्या है?

(1) उड़ान योजना उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ और बिहार का दरभंगा और हरियाणा का सोनीपत जैसे जो दूरदराज के क्षेत्र हैं वहां पर एयरपोर्ट की स्थापना करके आवागमन की सुविधा को आसान बनाना।

(2) इससे रोजगार का सृजन भी होगा और साथ ही साथ भारत के विमानन व्यवसाय में वृद्धि भी होगी।

(3) यदि कनेक्टिविटी ग्रामीण क्षेत्र तक बनेगी तो इससे अर्थव्यवस्था एक नई दिशा मिलेगी। जिसके परिणाम स्वरूप प्रति व्यक्ति आय और क्रय शक्ति समता में वृद्धि होगी।

(4) इसका महत्व भी है कि जो आभासी या वर्चुअल रूप में हवाई अड्डे की मुद्दे को स्पष्ट करना है और साथ ही साथ यात्री की समय की बचत भी करना है।

उड़ान योजना का लाभ क्या है?

(1) इस योजना का सबसे बड़ा लाभ यह है कि जो पुराने बंद पड़े हवाई अड्डे हैं। उनका उपयोग हो सकेगा क्योंकि भारत में बहुत सारे ऐसे हवाई अड्डे हैं जो किसी कारणवश या वित्तीय जोखिम के कारण बंद पड़े हुए हैं। यदि उनमें कुछ लागल लगाकर पुनर्निर्माण किया जाए तो आसानी से क्षेत्रीय कनेक्टिविटी में अपना सहयोग दे सकते हैं।

(2) यदि आप कम दूरी पर सफर करना चाहते हैं ।तब आपके लिए उड़ान योजना सबसे कारगर है क्योंकि आप कम दामों पर यात्रा करके आसानी से उस स्थान पर पहुंच सकते हैं।

(3) और इस योजना का सबसे बड़ा लाभ यह है कि राज्य सरकार फ्री में फायर ब्रिगेड की सुरक्षा दे रही है और साथ ही साथ अन्य सर्विसेज भी किफायती दरों पर उपलब्ध करवा रही है ग्राहकों को।

(4) इस योजना का एक और लाभ यह है कि इससे रोजगार का सृजन होगा और साथ ही साथ अंतर्राष्ट्रीय निवेशक क्षेत्रीय कंपनियों की ओर उन्मुख होंगे अर्थात पहले यह समस्या एचडी क्षेत्रीय कनेक्टिविटी में बुनियादी ढांचा की कमी के कारण आवाजाही की समस्या हो रही थी। इस समस्या के निदान के लिए उड़ान योजना जो है वह सुविधा प्रदान करेगी। जिसके परिणाम स्वरूप लोगों की आवाजाही बढ़ेगी। और सांस्कृतिक आदान-प्रदान बढ़ेगा और जिससे जागरूकता भी बढ़ेगी और लोग एक दूसरे से परिचित भी होंगे ।जब परिचित होंगे तो वहां के क्षेत्रीय उत्पाद को बढ़ावा भी मिलेगा ।जिसके परिणाम स्वरूप वहां के रहने वाले व्यक्तियों की क्रय शक्ति समता और प्रति व्यक्ति आय में उत्तरोत्तर वृद्धि हो सकती है।

(5) जिससे भारत की  जो मिश्रित संस्कृति है। उसमें और नजदीकियां आएगी।जिसके परिणाम स्वरूप हर व्यक्ति एक दूसरे के कल्चर से रूबरू होगा ।और यह समझेगा कि यह व्यक्ति हमारी तरह ही है उसके अंदर  भाषाई विविधता की जो  भावना है वह वैमनस्य की भावना की कमी होगी ।साथ ही साथ उसके अंदर यह चेतना भी आएगी की यह व्यक्ति तो हमारी तरह ही खाता पीता है तो सामान्य व्यक्ति है।

(6) इस योजना का एक और लाभ यह भी है इससे ब्राउनफील्ड और ग्रीन फील्ड में इन्वेस्टमेंट होगा ।जिसके परिणाम स्वरूप भारत की जीडीपी में वृद्धि होगी। और इस वृद्धि के परिणाम स्वरूप बजट में एजुकेशन का बजट और उनकी बजट की राशि को बढ़ाया जा सकेगा  साक्षरता दर में भी वृद्धि होगी अभी कैसे नए समाज का बनाया जा सकता है इसमें बुद्धिजीवी वर्ग ही केवल शामिल रहेंगे। बुद्धिजीवी वर्ग के आने से समाज में जो कुरुतिया है वह कुरीतियां खत्म हो जाएगी। और परिवर्तन का समावेश होगा। जिससे समाज में खुशियां ही खुशियां आएगी।

उड़ान योजना का अपडेटेड वर्जन क्या है?

(1) उड़ान 1.0 के तहत 5 एयरलाइन को 70 हवाई अड्डे से ऊपर गए हैं और 128 उड़ान मार्ग भी दिए गए हैं।

(2) उड़ान 2.0 के तहत 73 अनरिजर्व्ड हवाई अड्डों की पहचान की गई है।

(3) उड़ान 3.0 के तहत उड़ान योजना में 3 पर्यटन स्थल भी शामिल किया गया है । साथ ही साथ बंदरगाह को समुद्री वायुयान से भी जोड़ा जा रहा है।

(4) उड़ान 4.0 के तहत दूरस्थ क्षेत्रों में 78 नए एयरलाइंस को मंजूरी दी गई है।

(5) उड़ान 4.1 के तहत छोटे हवाई अड्डे को सी प्लेन से जोड़ने की योजना बनाई जा रही है।

उड़ान योजना की चुनौतियां क्या है?

(1) बुनियादी ढांचा की चुनौतियां

  • इस योजना की सबसे बड़ी समस्या  यह है कि भूमि अधिग्रहण करने में राज्यों के पास भूमि का अभाव है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि यह बुनियादी ढांचा ही नहीं सुधरेगा तो उड़ान योजना कैसे अपने लक्ष्य को प्राप्त कर पाएगा । साथ ही साथ दुर्गम मार्ग का होना जैसे पहाड़ी जैसे क्षेत्र सिक्किम मणिपुर मिजोरम जैसे क्षेत्र।

(2) यातायात मार्ग में चुनौतियां

  • यातायात के मार्ग में सबसे बड़ी चुनौती है या है कि जो 94 क्षेत्रीय कनेक्टिविटी स्कीम की मार्गो में रुकावट। एयरलाइन स्लाट की उपलब्धता की भी एक चिंता है।

(3) क्षमता में चुनौतियां

  • अभी वर्तमान में जो विमानन क्षमता कम है। जिसके परिणाम स्वरूप अभी यात्रियों को सुविधा नहीं मिल पा रही है ।हालांकि दो-तीन वर्षों बाद विमानन क्षमता में वृद्धि की जाएगी ।जिससे कि यात्रियों को आने-जाने में सुलभता हो सके।

(4) मौसम की चुनौतियां

  • भारत एक विविधता वाला देश है ।जहां मौसम परिवर्तन होता रहता है । साथ ही साथ पहाड़ी इलाकों के क्षेत्र में विमानों का संचालन करना मुश्किल का काम हो जाता है।  साथ ही साथ कभी-कभी यह भी समस्या उत्पन्न होती है कि लैंडिंग की भी समस्या उत्पन्न हो जाती है। क्योंकि लैंडिंग की कमी के कारण उड़ानों को रद्द करना पड़ता है ।और इसलिए नियमित यातायात सुचारू रूप से जो चल रहा है उसमें व्यवधान उत्पन्न हो जाता है।

उड़ान योजना के समक्ष जो समस्याएं हैं उनका समाधान क्या है?

(1) उड़ान योजना को सफल बनाना है तो इसके लिए समय-समय पर एक उड़ान योजना के तहत निवेश में वृद्धि करना होगा। बुनियादी ढांचा में और साथ ही साथ इसका अंकेक्षण भी करना पड़ेगा।

(2) साथ ही साथ एयरपोर्ट को सुदृढ़ करना है जिससे 70- 80 सीटर वाले विमान का परिचालन किया जा सके।

(3) सरकार को उड़ान योजना के तहत जो हवाई जहाज अपनी सेवा दे रहे हैं उनकी ईंधन लागत को कम करना चाहिए और उस पर सब्सिडी भी देनी चाहिए जिससे वह प्रोत्साहित हो सके।

FAQS

(1) उड़ान योजना में उड़ान का अर्थ क्या है?

उड़ान का सीधा सा अर्थ है उड़े देश का आम नागरिक अर्थात हवाई चप्पल पहनने वाला और बैठक चप्पल पहनने वाल व्यक्ति हवाई जहाज में सफर कर सके।

(2) उड़ान योजना का शुभारंभ किसने किया है?

उड़ान योजना का शुभारंभ वर्तमान में सत्तारूढ़ पार्टी भारतीय जनता पार्टी ने किया है इसको 27 अप्रैल 2017 को लांच किया गया है।

(3) उड़ान योजना को किस मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया है?

उड़ान योजना को नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया है।

(4) उड़ान योजना को किस प्राधिकरण ने जमीनी स्तर पर क्रियान्वित करने का जिम्मा लिया है

उड़ान योजना को जमीनी स्तर पर लागू करने के लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को सौंपा गया है ।एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया भारत सरकार का एक सार्वजनिक लोक उपक्रम है।

(5) राजस्थान सरकार की उड़ान योजना क्या है?

अभ्यर्थियों को यह समस्या हो जाती है कि राजस्थान सरकार की उड़ान योजना और केंद्र सरकार की उड़ान योजना का उद्देश्य एक ही है आपको बता दें कि राजस्थान सरकार की जो उड़ान योजना है उसका उद्देश्य है कि महिलाओं और लड़कियों को फ्री में सेनेटरी नैपकिन उपलब्ध करवाना और साथ ही साथ इसका उपयोग करने के लिए उन को जागरूक करना जबकि भारत सरकार का जो उड़ान योजना है इसका उद्देश्य यह है कि क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बढ़ावा देना जिसको उपयोग करके आम व्यक्ति दुर्लभ मार्ग पर कम समय में ही पहुंच जाए।

 

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