मिशन वात्सल्य योजना 2022 Missions Vatsalya Scheme

5/5 - (1 vote)

MMission vatsalya मिशन वात्सल्य योजना Mission Vatsalya Scheme आजकल इसलिए सुर्खियों में है। क्योंकि 2022 -23 की बजट में इसकी राशि को 900 करोड़ से बढ़ाकर 1450 करोड़ रुपये कर  दिया गया है। अब आप सबके मन में प्रश्न उठ रहा होगा कि मिशन वात्सल्य योजना है क्या ?और किस मिनिस्ट्री द्वारा excute  किया जा रहा है ?आदि जानकारी आपको इस आर्टीकल में दी जाएगी। बस आपसे निवेदन है  कि आर्टीकल के  किसी भी पार्टी को स्किप नहीं करना है। यदि आप आर्टीकल के किसी पार्टी को स्किप करेंगे तब आपको अधूरी जानकारी प्राप्त होगी। जिसके परिणाम स्वरूप आप अच्छी तरह से मिशन वात्सल्य योजना को समझ नहीं पाएंगे ।इसलिए आपसे विनती करता हूं आप प्रत्येक लाइन को ध्यानपूर्वक पढ़ें। ध्यान देने योग्य बात यह है कि आज का हमारा भारतीय समाज बड़ा स्वार्थी किस्म का हो गया है ।क्योंकि आजकल लोग स्मार्ट होने के साथ-साथ प्रकृति से दूर होते जा रहे हैं ।इसीलिए सरकार को वात्सल्य जैसी योजनाएं चलानी पड़ रही है। तो  सर्वप्रथम आइए जानते हैं कि मिशन वात्सल्य  क्या है ? ब्रेस्टफीडिंग एक ऐसी प्रक्रिया होती है, जिसमें मां के अपने बच्चे को प्राकृतिक रूप से दूध पिलाती है इसी प्रक्रिया को ब्रेस्टफीडिंग कहते हैं। मां के दूध में जो गाढ़ा पीला तत्व पाया जाता है। उसे कोलोस्ट्रम कहते हैं।

योजना का नाम मिशन वात्सल्य योजना
किसने घोषणा की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण
साल 2022
लाभार्थी महिलाएं और बच्चे
बजट 900 करोड़
कार्यक्षेत्र संपूर्ण भारत
आधिकारिक वेबसाइट Soon Available
टोल फ्री नंबर Soon Available

लेख के मुख्य बिंदु

मिशन वात्सल्य योजना क्या है (What is Mission Vatsalya Yojana)

मिशन वात्सल्य महिलाओं से संबंधित एक ऐसा योजना है जिसके माध्यम से महिलाएं अपने बच्चों को ब्रेस्टफीडिंग कराने के लिए तत्पर रहे। इस योजना में वात्सल्य  का अर्थ  है- प्रेम अर्थात एक मां अपने बच्चे से प्रेम कर सके। इस योजना को परिवार एवं कल्याण मंत्रालय द्वारा चलाया जा रहा है। आजकल हमारे भारतीय समाज में महिलाएं अपने बच्चों को ब्रेस्टफीडिंग नहीं करा रही हैं। क्योंकि इसका कारण है ,उनका फिगर खराब हो जाएगा। इसी सब के मद्देनजर केंद्र सरकार कौशल योजना चला रही है ।जिससे बच्चे कुपोषण के शिकार ना हो और माताओं को प्रोत्साहित भी किया जा सके कि बच्चे को 6 महीने तक माता का दूध अनिवार्य है क्योंकि मां के दूध में अनेक मिनरल्स पाए जाते हैं जो स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होते हैं। इससे ही शरीर ग्रोथ होता है और साथ ही साथ मानसिक विकास भी विकसित होता है। यदि मां के दूध से बच्चों को वंचित किया जाए ।तब बच्चे का मस्तिष्क का पूर्ण विकास नहीं होगा। वह एक कुपोषित बच्चा हो जाएगा। इस योजना का प्रचलित नाम वात्सल्य अमृत कोष भी है।

मिशन वात्सल्य योजना के उद्देश्य क्या है (What is the objective of Mission Vatsalya Yojana)

(1) जो माता अपने बच्चों को स्तनपान जानबूझकर नहीं कराती हैं ।जिससे उनका शरीर खराब हो जाएगा यह योजना इसी के विषय में जागरूकता फैलाएगा कि इससे शरीर पर कोई  हानिकारक प्रभाव नहीं पड़ता है। क्योंकि यदि मां अपने बच्चे को अपनी छाती से लगाकर स्तनपान कराती हैं। तो इससे मातृत्व भाव उत्पन्न होता है। और साथ ही साथ ऐसे कई हारमोंस स्रावित होते हैं जिससे उस महिला का शरीर हष्ट पुष्ट हो जाता है। और अपने आप को ऊर्जावान महसूस करती हैं ।क्योंकि कई सर्वे में पाया गया है कि जो माताएं अपने बच्चों को ब्रेस्टफीडिंग करवाती है वह माताओं की उम्र आम महिलाओं से ज्यादा होती है और उनको कोई बीमारी भी नहीं होती है।

(2) जो महिला किसी कारणवश अपने बच्चे को दूध पिलाने में असक्षम है उनके लिए मिशन वात्सल्य योजना के तहत राष्ट्रीय मानव दूध बैंक स्थापित किया गया है। जहां पर महिला उस बैंक से दूध लेकर अपने बच्चों को दूध पिला सकती हैं। क्योंकि मां के दूध में प्रोटीन विटामिंस और सूक्ष्म पोषक तत्वों की मात्रा ज्यादा होती है ।यह बच्चों के विकास में सहायक है।

(3) और स्तनपान परामर्श केंद्र स्थापित करना। जिसका उद्देश्य है जो महिला गलत तरीके से बच्चों को ब्रेस्टफीडिंग करवाती हैं ।और उनके दूध में गांठ पड़ जाता है। इस समस्या से निपटने के लिए उनको उचित तरीके से यह बताया जाएगा कि बच्चे को कैसे दूध पिलाना है ?और कितनी देर तक पिलाना है। यह सब जानकारी आपको स्तनपान परामर्श केंद्र पर दी जाएगी। क्योंकि इसका कारण है आज के भौतिकता के युग में कई महिलाएं इस भाग दौड़ भरी जीवन में अपने बच्चे को कम समय देने के कारण अपने बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग नहीं करवा पाती है ।इसीलिए स्तनपान परामर्श केंद्र उनको अपने बच्चे को दूध पिलाने के लिए प्रोत्साहित करेगा।

(4) मिशन वात्सल्य योजना का एक उद्देश्य है कि शिशु मृत्यु दर को कम करना ।क्योंकि भारत में वर्तमान में 1000 जन्मे  बच्चो में से  लगभग 67 बच्चे असमय ही मर जाते हैं। उनके मरने का कारण यह है कि उनको उचित समय पर मिल्क नहीं मिल पाता है। क्योंकि उनकी मां घबराती है कि मेरा शरीर खराब हो जाएगा दूध पिलाने से।

मिशन वात्सल्य योजना के लाभ क्या है (What are the benefits of Mission Vatsalya Yojana)

(1) मां के गाढ़े पीले दूध में  लेक्टोफार्मिंन नामक तत्व पाया जाता है ,जो शिशु के  बॉडी में आयरन एलिमेंट को बांधने का कार्य करती है। जिससे बच्चे को कोई बीमारी ना हो। इस योजना का उद्देश्य यही है कि कैसे भी करके जन जागरूकता के माध्यम से यह बताया जाए कि मां का दूध शिशु के लिए कितना आवश्यक है। माँ के गाढ़ा पीला   दूध में ऐसे खनिज तत्व पाए जाते हैं जो पशु के मिल्क में नहीं पाया जाता है।

(2) मां के दूध में ऐसे प्राकृतिक तत्व पाए जाते हैं जो शिशु के आंख कान नाक को स्वस्थ रखने में सहायक होते हैं क्योंकि इसका कारण है मां के दूध में मिनरल का अधिक होना और साथ ही साथ जो बच्चे मां के दूध से वंचित हो जाते हैं वह मोटापा के शिकार हो जाते हैं और जो बच्चे मां के दूध से मंजिल नहीं होते हैं वह कभी भी मोटापा के शिकार नहीं होते हैं क्योंकि इसका कारण है मां का वात्सल्य व्यवहार और मां के दूध में ऐसे प्राकृतिक रसायनिक एलिमेंट पाए जाते हैं जो पशुओं में नहीं पाए जाते हैं मां का दूध आसानी से पड़ जाता है पशुओं के दूध की अपेक्षा। बच्चे मधुमेह डायबिटीज ब्लड प्रेशर और अवसाद ग्रस्त जैसी भयावह बीमारी के कभी शिकार नहीं होते हैं क्योंकि उनके पास मां के दूध की शक्ति होती है

(3) इस योजना का सबसे बड़ा लाभ यह है कि जो माताएं अपने बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग करवाती है उनको कभी भी कैंसर नहीं होगा ।और साथ ही साथ ना कभी हार्ट अटैक की भी खतरा आएगा ।क्योंकि इसका कारण है ब्रेस्टफीडिंग करवाते समय कई ऐसे हार्मोन स्रावित होते हैं, जो गर्भाशय में कैंसर की समस्या होती है उस समस्या को खत्म कर देती है। और साथ ही साथ माता को निप्पल में कभी गांठ नहीं होगी ।और इसका सबसे बड़ा लाभ यह है कि मां का दूध सबसे सुलभ है। और आसान भी है और यह खर्चीला भी नहीं है।

(4) इस योजना की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि स्तनपान परामर्श केंद्र को स्थापित करना। स्तनपान परामर्श केंद्र में महिलाओं को यह बताया जाएगा या कहे तो जानकारी दी जाएगी ।यदि कोई महिला बच्चे के जन्म के समय अस्वस्थ हो जाती है जैसे उसको मलेरिया टाइफाइड और टीवी जैसी बीमारी हो जाती है तब भी महिला अपने बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग करवा सकती हैं। इससे बच्चे के स्वास्थ्य पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। और सबसे बड़ी बात यह है कि जो महिलाएं ब्रेस्टफीडिंग नहीं करवाती हैं उनको कैंसर की बीमारी होने की सबसे ज्यादा संभावना होती है ।इस केंद्र पर यह भी बताया जाएगा कि आपको किस प्रकार से बच्चे को दूध पिलाना है और कितने अंतराल के बाद आपको दूध को छुड़वाना है जिससे आपके निप्पल में गांठ ना पड़ जाए ।आदि जानकारी आपको स्तनपान परामर्श केंद्र पर दी जाएगी। यह केंद्र उन माताओं को भी प्रोत्साहित करेगा जिन माताओं ने ऑपरेशन के माध्यम से बच्चों को जन्म दिया है उनको भी बताएगा कि वह भी बिना की समस्या को अपने बच्चे को स्तनपान करा सकती हैं।

(5) इस योजना के एग्जीक्यूट होने से सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि इससे बच्चे की मृत्यु दर घटेगी। और साथ ही साथ बौनापन घटेगा ।और बच्चे अपनी ऊंचाई के अनुपात में मोटे भी होंगे ।और जिसके परिणाम स्वरूप भारत ग्लोबल हंगर इंडेक्स में अच्छा परफॉर्मेंस कर पाएगा क्योंकि भारत 117 देशों में 102 नंबर पर है अब आप ही सोच सकते हैं भारत में भुखमरी का स्तर कितना भयानक है।

(6) राष्ट्रीय मानव दूध बैंक के स्थापित होने के कारण रोजगार सृजन होंगे। जिसके माध्यम से कई माताएं अपने दूध को बेच सकती है ।और साथ ही साथ इसके माध्यम से एक अच्छी रकम भी अर्जित कर सकती हैं या तो कहें यहां महिलाओं के वुमन एंपावरमेंट की दिशा में सबसे अच्छी पहल है।

(7) इससे पर कैपिटल इनकम भी बढ़ेगी और साथ ही साथ लाइफ स्टाइल में भी परिवर्तन होगा। जिसके परिणाम स्वरूप एक अच्छा और निर्भीक और अवसाद मुक्त जीवन की कल्पना की जा सकती है। जहां ना कोई बीमारी होगी और ना ही कोई चिंता।

(8) जो माताएं इस भय के कारण दूध नहीं पिलाती थी कि शिशु को दूध पिलाने से मुझे कोई बीमारी हो सकती है यह अंधविश्वास टूटेगा जिसके परिणाम स्वरूप एक स्वस्थ समाज की कल्पना को साकार किया जा सकता है।

(9) जो बच्चे बड़े होकर आत्महत्या करने की ओर उन्मुख होते हैं यदि वो बच्चे मां के दूध से रूबरू होंगे ।तब वह आत्महत्या जैसे कदम कभी नहीं उठाएंगे ।क्योंकि उनको कभी भी अकेलापन नहीं सताएगा। आप सब ने अवश्य देखा होगा कि अमेरिका में सबसे ज्यादा वयस्क व्यक्ति आत्महत्या करते हैं ।आपको क्या लगता है? वह सब गरीब व्यक्ति हैं ।वह सब गरीब नहीं है अपितु अमीर हैं लेकिन उनकी माताएं  उन को जन्म के समय अपना दूध नहीं पिलाती हैं जिसके परिणाम स्वरूप उनके अंदर वह प्राकृतिक लगाव नही  उत्पन्न हो पाता है जिससे वह मानवता के गुड़ को स्वीकार कर पाए।

(11) मिशन वात्सल्य योजना का सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि आने वाले समय में संयुक्त परिवार कम विखंडित होगा। क्योंकि जहां मां की ममता होती है वहां परिवार टूटता बिखरता नहीं है। बल्कि परिवार जुड़ता है आपके अंदर करुणा और दया और परोपकार जैसी भावना उत्पन्न होती है ।यह एक प्राकृतिक भावना है जो आपको ब्रेस्टफीडिंग के माध्यम से ही मिल सकता है ।एक मां पूर्ण मां  तभी बनती है जब वह एक बच्चे को जन्म दे और जन्म देने के पश्चात बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग करवाएं। तब उस मां को एहसास होगा वह प्रकृत के कितना नजदीक है। क्योंकि कहा भी जाता है औरत प्रकृति के नजदीक होती है, और पुरुष संस्कृति के पास होता है।

मिशन वात्सल्य योजना की आवश्यकता क्यों पड़ी (Why was the need for Mission Vatsalya Yojana)

आजकल के  उपभोक्तावादी युग में बहुत सारे व्यक्ति इस बात से अनभिज्ञ है कि मां की ममता क्या होती है और मां की ममता से वंचित होने पर क्या हार्मफुल प्रभाव पड़ता है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए मिशन वात्सल्य योजना की  आवश्यकता पड़ी ।क्योंकि कई बॉलीवुड अभिनेत्री अपने फिगर को मेंटेन करने के लिए अपने बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग से वंचित रखती है। इसी सब को देख कर और सब महिलाएं भी इसका अंधानुकरण कर  लेती हैं। जिसके परिणाम स्वरूप बच्चे अस्वस्थ हो जाते हैं। और कई महिलाएं ऐसी होती हैं जो ऑपरेशन के माध्यम से बच्चे को जन्म देती हैं उनको यह लगता है कि मैं तो ऑपरेशन के माध्यम से बच्चे को जन्म दिया मैं कैसे भला बच्चे को दूध पिला सकती हूं ।लेकिन यह महज भरम है। इससे कोई शरीर पर प्रभाव नहीं पड़ेगा इसलिए मिशन वात्सल्य   योजना की आवश्यकता पड़ी जिससे स्तनपान परामर्श केंद्र स्थापित करके इस मिथ्या भरम को तोड़ा जा सके ।और भारतीय समाज में कई ऐसे भी महिलाएं होती है जो एनीमिया टीवी और कई ऐसे संक्रमित बीमारियों से पीड़ित रहती हैं वह अपने बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग करवाने से डरती हैं ।उनको लगता है कि यदि मैं अपने बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग करवाऊंगी तो मेरे अंदर की बीमारी मेरे बच्चे में चले जाएगा ।लेकिन यह भ्रम है अभी तक विज्ञान ने इसे साबित नहीं कर पाया है कि मां के अंदर से बीमारी बच्चों के अंदर में ट्रांसफर हो सकता है वह भी ब्रेस्टफीडिंग करवाते समय।

मिशन वात्सल्य योजना और मदर मिल्क बैंक में क्या सम्बन्ध है(What is the relation between Mission Vatsalya Yojana and Mother Milk Bank)

मिशन वात्सल्य   योजना की तरह ही  अमेरिका में मदर मिल्क बैंक की स्थापना की गई है, जिसका  उद्देश्य है जो माताएं अपने बच्चों को ब्रेस्टफीडिंग नहीं करवाती हैं वह  मदर मिल्क बैंक पर जाकर मिल्क लेकर अपने बच्चे को दूध पिला सकती हैं ।क्योंकि मदर मिल्क बैंक की आ सकता इसलिए पड़ी ।क्योंकि एक बच्चे के लिए मां का दूध ही सुपाच्य होता है ।इसीलिए मदर मिल्क बैंक में कई माताएं अपने मिल्क को डोनेट करती हैं यह एक परोपकार का कार्य है। इसके माध्यम से कोई भी बच्चा अब कुपोषित नहीं होगा ।यह सिर्फ शारीरिक विकास में सहायक होगा ना कि मानसिक विकास में। लेकिन भारत में चलाई जा रही मिशन वात्सल्य योजना शारीरिक विकास के साथ-साथ मानसिक विकास को भी बढ़ावा देगा ।शारीरिक विकास को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय मानव दूध बैंक की स्थापना की गई है। और मानसिक विकास के लिए स्तनपान परामर्श केंद्र की स्थापना की गई है।

FAQS Questions Answers Mission Vatsalya

Q:- मिशन वात्सल्य योजना किस मान्त्रलय द्वारा चलाया जा रहा है (Mission Vatsalya Yojana is being run by which ministry)

Ans:- मिशन वात्सल्य  योजना परिवार एवं कल्याण मंत्रालय द्वारा चलाया जा रहा है ।इसी मंत्रालय के नेतृत्व में मिशन वासल योजना अपने लक्ष्य को  अचीव करेगी।

Q:- मिशन वात्सल्य योजना की क्या कोई आधिकारिक वेबसाइट है (Is there any official website of Mission Vatsalya Yojana)

Ans:- अभी फिलहाल तो मिशन वात्सल्य योजना की कोई ऑफिशियल वेबसाइट नहीं है।

Q:- मिशन वात्सल्य योजना के लिए कितने करोड़ की राशि आवंटित की गई है(How many crores has been allocated for Mission Vatsalya Yojana)

Ans:- 2021-22 की बजट में इस योजना के लिए 900 करोड़ की राशि आवंटित की गई थी। लेकिन 2022 और 23 की बजट में 1450 करोड़ रुपए की राशि आवंटित की गई है।

Q:- मिशन वात्सल्य योजना का क्या कोई हेल्पलाइन नंबर है(Is there any helpline number of Mission Vatsalya Yojana)

Ans:- फिलहाल अभी तो मिशन वात्सल्य योजना का कोई हेल्पलाइन नंबर नहीं है ।जल्द ही हेल्पलाइन नंबर को लांच करने की योजना बनाई जा रही है।

Q:- मिशन वात्सल्य योजना के आवेदन के लिए लगने वाले डॉक्यूमेंट कौन-कौन से हैं(What are the documents required for the application of Mission Vatsalya Yojana)

Ans:- मिशन वात्सल्य योजना के आवेदन के लिए डॉक्यूमेंट में आधार कार्ड और पैन कार्ड मोबाइल फोन नंबर ईमेल आईडी पहचान पत्र और कास्ट सर्टिफिकेट और साथ ही साथ ऐड्रेस प्रूफ।

Q:- मिशन वात्सल्य योजना के लिए कहां से आवेदन करें(Where to apply for Mission Vatsalya Yojana)

Ans:- मिशन वात्सल्य योजना के लिए यदि आप आवेदन करना चाहते हैं तो आप मिशन  वात्सल्य योजना की ऑफिशियल वेबसाइट से आवेदन कर सकते हैं। फिलहाल अभी मिशन वात्सल्य योजना की वेबसाइट पर काम चल रहा है।

निष्कर्ष :

मैंने आज इस आर्टिकल में मिशन वात्सल्य योजना के बारे में जितने  प्रश्न आपके मन में उठ सकते थे। उन सारे प्रश्नों को सा विस्तृत वर्णन किया है। यदि आर्टकिल आपको अच्छा लगता है। तब आपसे विनम्र निवेदन है इस आर्टिकल को अपने फ्रेंड को शेयर करिए। जिससे वह भी इस आर्टिकल को पढ़कर इस योजना के बारे में जान सकें। और अपने परिवार को साझा कर सके और साथ ही साथ मुझे मोटिवेशन भी मिल सके ।ऐसे और आर्टीकल  के लाने के लिए।

 

Leave a Comment

error: Content is protected !!