” का वर्षा जब कृषि सुखाने ” रामचरितमानस की यह पंक्तियां वर्तमान में दुर्लभ संसाधन को परिभाषित करती है। दुर्लभ संसाधन से तात्पर्य है कि जब समय पर कोई कार्य ना हो तब उसका मूल्य नहीं रह जाता है। तुलसीदास जी रामचरितमानस में इसी बात का जिक्र किया है कि अब वर्षा का क्या मतलब जब हमारी कृषि सूख गई है अर्थात अब पछताने का होई जब चिड़िया चुग गई खेत। जब फसल ही नष्ट हो गई है तो कृषि का महत्व क्या रह जाता है? कृषि हमारे लिए तब तक महत्वपूर्ण है जब तक उसको समय-समय पर उर्वरक और पानी ना मिलता रहे। भारत में ऐसे बहुत किसान हैं। जिनकी कृषि वर्षा के जल पर आधारित है। जलवायु परिवर्तन के कारण समय पर वर्षा न होने के कारण उनका फसल भी नष्ट हो जाता है और वह कर्ज के बोझ तले आ जाते हैं। सिंचाई एक महत्वपूर्ण माध्यम है। आपको बता दें कि सिंचाई से ही कृषि आगे की ओर उन्मुख होती है बशर्ते भले ही भारत में सिंचाई की परंपरागत विधियां मौजूद हो। लेकिन एक समय भारत में पानी का जलस्तर ऊपर था। प्रौद्योगिकी के आगमन से प्रदूषण की समस्या उत्पन्न हुई। जिसके परिणाम स्वरूप जलस्तर नीचे की ओर गमन करने लगा। इन सब बातों को ध्यान रखते हुए इजरायल ने ड्रिप इरिगेशन की शुरुआत की अर्थात टपकन सिंचाई पौधे की जड़ों को इतनी खाद्य पोषक तत्व चाहिए उन्हें वह पानी के माध्यम से मिल जाता था। भारत में लगभग कृषि का सकल घरेलू उत्पाद में योगदान 48% है। बिहार सरकार ने अपने राज्य के निवासियों के लिए जो किसी अन्य नलकूप पर आश्रित या वर्षा पर आधारित है उनके लिए बिहार शताब्दी निजी नलकूप योजना प्रारंभ की है।
Bihar शताब्दी निजी नलकूप योजना- 2022 क्या है ?
बिहार सरकार द्वारा बिहार के निवासियों के लिए बिहार शताब्दी निजी नलकूप योजना चलाई गई है। जिसका मतलब यह है कि जिस किसान के पास 40 डिसमिल जमीन है। वह अपने खेतों की सिंचाई के लिए अपना व्यक्तिगत नलकूप लगवा सकता है। इसके लिए बिहार सरकार उस व्यक्ति को सब्सिडी दे रही है। जिससे सब्सिडी का उपयोग करके बिहार के ऐसे व्यक्ति जिनकी आजीविका कृषि पर आधारित है। वह अपनी आजीविका को एक नया आयाम प्रदान कर सकें और साथ ही साथ जो कृषि समय पर जल न मिलने के कारण सूख जाती थी। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा हर बिहार के निवासियों के चेहरे पर एक अलग से खुशी की आभा रहेगी और वह अपनी प्रति व्यक्ति आय और क्रय शक्ति समता में सुधार करेंगे। ध्यान देने योग्य बात यह है कि हर वर्ष लगभग 15000 किसान आत्महत्या इसलिए कर लेते हैं क्योंकि समय से उनकी कृषि को जल ना मिल पाने के कारण उनकी खेती सूख जाती थी और वह किसान ऋण के दुष्चक्र में फंस जाता था। जिसके परिणाम स्वरूप वह ऋण दुष्चक्र से निकलने का प्रयास तो करता था लेकिन निकल नहीं पाता था।
Bihar शताब्दी निजी नलकूप योजना 2022 की विशेषता क्या है?
बिहार शताब्दी निजी नलकूप योजना 2022 की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह योजना बिहार के ग्राम, प्रखंड और जिला स्तर तक लागू है। जिस ग्राम के अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजातियों की जनसंख्या का अनुपात 1:16 है। उन्हीं के क्रम में उन्हें नलकूप वितरित किया जाएगा। ध्यान देने योग्य बात यह है कि यदि किसी भी प्रखंड में या जिले में अनुसूचित जाति की जनसंख्या नगण्य है तब अनुसूचित जनजाति के व्यक्तियों को 17 परसेंट नलकूप वितरित किए जाएंगे गौरतलब यह है कि बोरवेल की 1 मीटर गहराई के लिए ₹328 प्रदान किया जा रहा है अर्थात ₹15000 तक मध्यम गहराई के लिए ₹ ₹597 प्रदान किया जा रहा है लगभग ₹35000 तक।नलकूप के लिए अलग से ₹ ₹10000 सरकार द्वारा दिया जा रहा है।
Bihar शताब्दी निजी नलकूप योजना 2022 की पात्रता का मापदंड क्या है?
(1) बिहार शताब्दी निजी नलकूप योजना के लिए लाभार्थी की न्यूनतम उम्र 40 वर्ष होनी चाहिए। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लाभार्थियों के लिए उम्र में छूट प्रदान की गई है। हालांकि ध्यान देने योग्य बात यह है कि यह उम्र संबंधित है। उसकी जानकारी बिहार सरकार की ऑफिशियल वेबसाइट पर दी गई है।
(2) बिहार शताब्दी निजी नलकूप योजना के लिए लाभार्थी वही व्यक्ति होगा जो सन 2012 में सामाजिक आर्थिक राजनीतिक जनगणना हुई थी। जिसे सोशियो इकोनामिक कास्ट सेंसस कहते है। इसी जनगणना के अनुसार लाभार्थियों की पहचान की जाएगी जो लाभार्थी होंगे। वह लाभार्थी उसके पास न्यूनतम भूमि 40 डिसमिल होनी चाहिए यदि से कम भूमि होगी।तब वह इस योजना के पात्र नहीं होंगे।
(3) गौरतलब यह है कि इस योजना के लिए बिहार सरकार ने बिहार के बजट 2022- 23 में 400000 करोड रुपए आवंटित की गई। इसका वितरण बिहार के सचिवालय के पास है। ध्यातव्य है कि यह योजना जमीनी स्तर पर कब तक लागू हो पाता है यह इसकी यथार्थ को कब तक प्रदर्शित करता है। इसके लिए अभी ध्यान देने की जरूरत है। क्योंकि कई बार ऐसा होता है की योजनाएं ग्रास रूट लेवल पर लागू होने की बजाय कागज पर लागू हो जाती है और करोड़ों रुपए का गबन हो जाता है। जनता के हाथों में सिर्फ सरकार की झूठे वादे और जुमले ही रहते है।
(4) नीति आयोग की एक रिपोर्ट के अनुसार बिहार में अब तक नलकूपों की संख्या प्रति व्यक्ति किसानों में नगण्य है। लेकिन बिहार सरकार नीति आयोग की इस रिपोर्ट को गलत बता रही है। बिहार सरकार दावा कर रही है कि मैंने बिहार के निवासियों के लिए सन 2015 से सन 2021 तक लगभग 40000 नलकूप किसानों को दी है और लगभग 40% की सब्सिडी भी दी है। यह सब्सिडी डायरेक्ट प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के माध्यम से किसान के खाते में ट्रांसफर की गई है।
(5) राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के अनुसार भारत में टपकन सिंचाई की महत्ता बढ़ रही है। क्योंकि इसका कारण है पानी की पहुंच सुदूर गांव तक और पहाड़ी क्षेत्रों तक नहीं है। लेकिन इंदिरा गांधी राष्ट्रीय नहर परियोजना के तहत जब कैनाल लिंकिंग किया गया। तब गांव तक पानी की पहुंच सुलभ हो सके अन्यथा किसान लोग भारत के वर्षा पर निर्भर थे। यदि किसी वर्ष वर्षा अच्छी हुई तो फसल अच्छी हुई यदि वर्षा अच्छी नहीं होती फसल नष्ट हो गई। जिससे किसान लोग ऋण के दुष्चक्र में फंस जाते थे। जिसके परिणाम स्वरूप उनके पास खाने के लिए अनाज तक नहीं बचता था और भविष्य के लिए अधिशेष भी नहीं कर पाते थे। जिससे उनके जीवन में पर्व और त्योहार का कोई महत्व नहीं रह जाता था। क्योंकि कहा भी जाता है भूखे पेट ना होत गोपाला।
Bihar शताब्दी निजी नलकूप योजना -2022 का पर्पज क्या है?
इस स्कीम का उद्देश्य किसानों के जीवन में खुशहाली लाना। भारत में ऐसे बहुत किसान है। जिनकी फसल अच्छी रहती है। लेकिन समय पर पानी न मिल पाने के कारण फसल की पैदावार कम हो जाती है और किसान को घाटे का सामना करना पड़ता है। फसल के लिए पानी बहुत आवश्यक है क्योंकि जब फसल को समय-समय पर पानी मिलता रहता है। तब फसल में वृद्धि होती रहती है। जिससे फसल अच्छी हो सके और उसको बेचकर के बाजार से अच्छी खासी रकम कमाया जा सके। साथ ही साथ खेत की उर्वरता भी बनी रहे। इन्हीं उद्देश्यों की5 की पूर्ति के लिए बिहार शताब्दी निजी नलकूप योजना लाया गया है। यह योजना क्या अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में समर्थ हो पाता है या अभी दूरदर्शी है।
Bihar शताब्दी निजी नलकूप योजना 2022 के बेनिफिट क्या है?
(1) सबसे पहले इस योजना का बेनिफिट यह है कि इसमें सब्सिडी प्रदान की जा रही है।
(2) इस योजना का क्षेत्राधिकार सीमित है इस योजना को जमीनी स्तर पर आसानी से क्रियान्वित किया जा सकता है।
(3) किसानों को सब्सिडी डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के माध्यम से दिया जाएगा।
(4) यह योजना बिहार के ब्लॉक स्तर पर लागू हो गई है। और लगभग हजार लोग आवेदन भी कर चुके हैं।
Bihar शताब्दी निजी नलकूप योजना 2022 के लिए आवेदन करने के लिए लगने वाला डॉक्यूमेंट कौन-कौन सा है?
आवेदन करने वाले आवेदक का डॉक्यूमेंट आधार कार्ड और वोटर आईडी कार्ड पासपोर्ट साइज का फोटो और साथ ही साथ मोबाइल फोन नंबर और मेल आईडी और खेत से संबंधित कागजात और बैंक का पासबुक यह सब डॉक्यूमेंट आवेदन करते वक्त लगने वाला है। डॉक्यूमेंट में कोई भी त्रुटियां नहीं होनी चाहिए। यदि कोई भी त्रुटि डॉक्यूमेंट में पाया जाता है। तब आपके आवेदन को रिजेक्ट किया जा सकता है।
Bihar शताब्दी निजी नलकूप योजना 2022 के लिए अप्लाई कैसे करें?
यदि आप बिहार शताब्दी निजी नलकूप योजना 2022 के लिए आवेदन करना चाहते हैं। आवेदन करने से पहले उपर्युक्त बताई गई जानकारी को पहले पढ़ लीजिए। उसके बाद ही आवेदन करें।
(1) सबसे पहले आपको बिहार सरकार के लघु जल संसाधन विभाग के अधिकारिक वेबसाइट पर जाना है- minorirrigation.bihar.gov.in
(2) वेबसाइट पर जाने के बाद आपको होमपेज का विकल्प दिखेगा। आपको उस पर क्लिक कर देना है क्लिक करने के बाद आवेदन करने का विकल्प खुलेगा आपको उस पर क्लिक कर देना है।
(3) आवेदन करने के विकल्प पर क्लिक करने के बाद जो पेज ओपन होगा। उसमें आपको जो दस्तावेज में आपका नाम है उसको फिलअप करना है। उसके बाद जन्मतिथि और स्थाई पता आदि जानकारी सही तरीके से भरना है।
(4) फिर उसके बाद submit के बटन पर क्लिक कर देना। submit के बटन पर क्लिक करने के बाद आपका फॉर्म तब लघु जल संसाधन विभाग के पास जमा हो जाएगा।
अब कैसे जानेंगे कि बिहार शताब्दी निजी नलकूप योजना 2022 के आवेदन का स्टेटस कैसा है?
(1) सबसे पहले आपको यह करना है कि लघु जल संसाधन विभाग के आधिकारिक वेबसाइट पर जाना है-
minorirrigation.bihar.gov.in
(2) जैसे ही इस अधिकारिक वेबसाइट को ओपन करेंगे आपको इसके होम पेज पर क्लिक करना है। वहां पर आपको निजी नलकूप योजना का विकल्प दिखेगा आपको उस पर क्लिक कर देना ।है फिर आपको आवेदन की स्थिति के ऑप्शन पर क्लिक करना है।
(3) आवेदन की स्थिति के ऑप्शन पर क्लिक करने के बाद अब आपको रजिस्ट्रेशन संख्या डाल करके सबमिट कर देना है। उसके बाद आपको आवेदन की स्थिति पता चल जाएगा।
Bihar शताब्दी निजी नलकूप योजना 2022 क्या अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकेगा?
बिहार की स्थिति के यदि आकलन किया जाए तो इस योजना को क्रियान्वित करने के लिए जमीनी स्तर पर सरकार की सुदृढ़ नीतियों की आवश्यकता है। जिसमें पारदर्शी और जवाबदेहिता होनी चाहिए क्योंकि यदि यह नहीं शामिल रहेंगे। बिहार शताब्दी निजी नलकूप योजना 2022 सरकार के ठंडे बस्ते में चले जाएगा इसका कोई निहितार्थ नहीं निकलेगा।
FAQs:
प्रश्न:- बिहार शताब्दी निजी नलकूप योजना 2022 का अधिकारिक वेबसाइट का नाम क्या है? जहां से आवेदन की स्थिति चेक किया जा सकता है और आवेदन किया जा सकता है
उत्तर:- बिहार शताब्दी निजी नलकूप योजना 2022 के लिए यदि आप आवेदन करना चाहते हैं और साथ ही साथ आवेदन की स्थिति जानना चाहते हैं तो उसके अधिकारिक वेबसाइट का नाम है – minorirrigation.bihar.gov.in
प्रश्न:- bihar शताब्दी निजी नलकूप योजना 2022 क्या है?
Bihar शताब्दी निजी नलकूप योजना एक सब्सिडी योजना है जिसमें सरकार किसानों को नलकूप लगाने के लिए न्यूनतम ₹15000 और अधिकतम ₹35000 की सब्सिडी दे रही है।
प्रश्न:- bihar शताब्दी निजी नलकूप योजना के लिए कौन किसान पात्र है?
उत्तर:- बिहार शताब्दी निजी नलकूप योजना के लिए जिस किसान के पास 40 डिसमिल जमीन है वही किसान इस योजना के लिए पात्र है।
प्रश्न:- बिहार सरकार बिहार शताब्दी निजी नलकूप योजना के तहत नलकूप के लिए कितनी धनराशि प्रदान कर रही है
उत्तर:- बिहार सरकार बिहार शताब्दी निजी नलकूप योजना के तहत अधिकतम ₹10000 तक की धनराशि प्रदान कर रही है। जिससे किसान अपने खेतों में नलकूप लगा सके और बोरिंग के लिए अधिकतम ₹35000 की सब्सिडी प्रदान कर रही है।
प्रश्न:- अब तक कितने किसान बिहार शताब्दी निजी नलकूप योजना के लिए आवेदन कर चुके हैं
उत्तर:- लघु जल संसाधन विभाग के मुताबिक अब तक लगभग 1000 किसान बिहार शताब्दी निजी नलकूप योजना के लिए अब आवेदन कर चुके हैं। इसकी पुष्टि लघु जल संसाधन विभाग के सचिव ने किया है। जिस किसान को इस योजना के विषय में जानकारी नहीं है विज्ञापन के माध्यम से किसानों को इसके विषय में बताया जा रहा है। और साथ ही साथ ग्राम प्रधान के ऊपर भी इसका उत्तर दायित्व है।
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